माहौल का असर…..

Standard

 

.उठो… सुबह के आठ बज गए आज संडे हे तो क्या १२ बजे तक सोएगें मीना रुपेश व चीनी को उठाती है। मां आज तो सोने दो थोड़ी देर, ठीक है पर रुपेश आप तो जाग जाइए। ओढऩे की चादर समेटते हुए बोलती है, में चाय बनाती हूं आप बालकनी में आइए वही पर चाय पीते है। रुपेश मूंह धोकर बालकनी में रखी चैयर पर बैठता है। मीना अखबार भी ले आना। मीना हां में जवाब देती है। मीना चाय के साथ अखबार भी ले आती है। मीना रूपेश को चाय देती है,और खुद भी चाय पीने लगती है । मीना भी चाय पीते पीते अखबार के पन्ने पलटने लगती है। एक खबर पर नजर टिक जाती है। हे भगवान, लगता है रोज रोज एक जैसी खबरे छपने लगी। रुपेश पूछता है क्यो ऐसा क्या पढ लिया देखो न हर दूसरे दिन ऐसी खबर छपती है । पडोसी ने पड़ोसी$ की हत्या कर दी या पडोसी ने घर लूट लिया। ऐसी खबर पढक र तो डर लगने लगा है। आज पडोसी ही पड़ोसी$ का दुश्मन बन गया है। हां भाई आज किसी पर विश्वास नही किया जा सकता है। चाय की चुस्की लेते अखबार में देखते हुए रुपेश बोलता है। मीना झट से बोली, हम कितने खुशनसीब है कि हमें हरीश श्वेता जैसे पड़ोसी मिले, वरना अ$ाजकल कौन किसका होता है। चाय खत्म होती नही, तभी बेडरुम से आवाज आती है म मा….म मा….हां बेटी आती हूं मेरी चीनी उठ गई, गुडमोर्निंग बेटू चलो ब्रश कर लो । चीनी को गोद में उठा कर बाथरुम में उतार देती है। ब्रश में पेस्ट लगाकर चीनी को देती है । चीनी ब्रश करके जल्दी आओ में नाश्ता बनाती हूं । मीना किचन में जाकर नाश्ता बनाती है। मीना किचन से आवाज देती है । चीनी नल चालू करके मत रखो पानी बर्बाद होता है। जल्दी आओ तु हारे पसंद का नाश्ता बनाया है।

-आ रही हू मां….

-मूंह हाथ टावेल से पोछ लो

-हा मां पोछ लिया।

बाथरूम से किचन में आती है,क्या बनाया मां?

-सरप्राइज है पहले डाइनिंग टेबल पर बेठो फिर बताती हूं… मीना नाश्ते की प्लेट लगाकर डाईनिंग टेबल पर चीनी के सामने रखते हुए कहती है ये तु हारी पसंद के आलु पनीर के पराठे और गाजर का हलवा। चीनी देखकर कहती है वाव… ये तो मेरी पसंद की डिश है। प्लेट रखकर मीना पराठे बनाने में व्यस्त हो जाती है । चीनी खाते खाते बोलती है आज संडे है इसलिए मेरी पसंद का ब्रेक फास्ट बनाया आपने। हंा चीनी रोज तो ओफिस जाने की जल्दी रहती है तो.. मैं तु हारी पसंद का कुछ बना ही नही पाती हूं। इसलिए……रुपेश आप भी नहा कर नाश्ता करलो,

-आता हंू तुम बना लो साथ में करेगे, ठीक है? थोड़ी देर में रुपेश भी डाइनिंग टेबल पर आ गए,रुपेश कहते है तुम भी आ जाओ सभी साथ में नाशता करते है।

ठीक है,मीना ने कहा। मीना हाथ धोकर रुपेश की प्लेट लगाकर खुद की प्लेट भी लगा लेती है। मीना कहती है आज हमारे पड़ोसी स्वेता हरीश की शादी की सालगिरह है इसलिए शाम को उनके घर भी जाना है। ठीक है चलेगें। रुपेश मीना से पूछता है कितने साल हो गए हमारे पड़ोसी की शादी को,मीना बताती है श्वेता की शादी को पांच साल हो गए है। रुपेश कहता है हां शादी करके$ जब आए थे तो लगता था कि पता नही केसे लोग होंगे ? पडोस नाता रखेगे कि नही… हां रुपेश सही कह रहे हो। हां वह अपनी चीनी को भी अपनी बेटी जैसा प्यार करते है बहुत ध्यान रखते है अपनी चीनी का…हां सही कह रही हो हमारी चीनी है ही चीनी जैसी स्वीट डाल जैसी प्यारी जो भी देखे मोहित हो जाए। सारी बाते डाइनिंग टेबल पर ही होती रही । मीना कहती है रूपेश परसो अपनी चीनी का जन्म दिन भी है,अरे हां कितने साल की हो गई है हमारी चीनी मीना बोलती है कैसी बात कर रहे हो,आपको नही मालूम कि सात साल की हो जाएंगी। देखो चीनी तु हारे पापा कितने भुलक्कड़ हो गए है। सारी बाबा गलती हो गई सभी लोग हंसने लगे है।

अच्छा बाबा बोलो क्या तैयारी करना है चीनी का बर्थ डे केसे मनाना है घर पर या होटल में, घर पर ही मनाते है चीनी के दोस्तो को बुलाएंगे ज्यादा कुछ नही कर पाएंगे क्यों कि उस दिन मेरे बेंक की छुट्टी भी नही है, ठीक जैसा तुम कहो। चीनी क्या चाहती है बताओ

चीनी- पापा घर पर ही बर्थ डे मनाएंगे में अपने दोस्तो को अपने खिलोने भी दिखा सकुंगी।

ओके चलो इस बार क्या गि ट चाहिए,

पापा बार्बी डाल हाउस चाहिए

ठीक है ला देगे और कुछ राजकुमारी साहिबा … सभी लोग हंसने लगे।

चलो आज के काम जल्दी जल्दी निप्टा लेते है फिर स्वेता आंटी के लिए गि ट भी लाना है। बाजार जाना है।

हां मां में अपना होमवर्क जल्दी से पूरा कर लेती हूं,आप मुझे भी ले जाएंगी न बाजार,

ठीक है, तुम जल्दी नहा लो फिर होमवर्क खत्म कर लो,में भी घर के काम जल्दी कर लेती हूं,फिर हम बाजार जाएंगे।

-मां मुझे चाकलेट आइसक्रिम खाना है

-ठीक है,चलेगे तो खा लेना पर किसी चीज की जिद्द नही करना ठीक है,

-ओके मां नही करुगीं।

चीनी- पापा से पूछना क्या वह अपने साथ बाजार चलेगे?

ठीक है मां मैं पूछ कर बताती हूं। मां पापा नही चलेगें,उनको ओफिस का काम करना है ठीक है फिर हम ही चलेगे।

दोपहर के दो बज गए चीनी घड़ी द$ेखती है और कहती है मां आपका काम हो गया क्या? मेरा होमवर्क क पलीट हो गया है, मीना बोलती है -नही चीनी आज संडे हे तो थोडा एक्स्ट्रा काम निकल आता है,बस एकाध घंटे में हो जाएगा। चीनी एकाध घंटे तुम टीवी देखलो अभी धूप भी तेज है अपन चार बजे तक चलेगे,हे भगवान संडे के दिन कितने काम होते है,मीना कहते हुए घर की साफसफाई करने लगती है, सारा काम निपटते तक तीन बज जाते है,मैं भी थोडा आराम कर लू, फिर चार बजे बाजार भी जाना है।

चार बजने के पहले ही चीनी मां को उठा देती है, मां उठो बाजार जाना है चार बज गए है ,

अच्छा बाबा उठती हूं,

मां मैं तो तैयार हूं आप जल्दी से तैयार हो जाइये।

अच्छा मैं चाय पी लूं फिर निकलते है,रुपेश हम बाजार जा रहे है घर का ध्यान रखना …. जाते जाते बोलती हुई निकली,

है भगवान कितनी भीड़ थी ब$जार में इतनी जल्दी जल्दी खरीदारी की फिर भी घर आते आते इतनी देर हो गई, हां मां अपने को तैयार भी होना है। हां चीनी ये अच्छा है कि हमें पड़ोस में ही$ जाना है ज्यादा दूर नही जाना है। चीनी से मीना पूछती है, श्वेता हरीश को गि ट पसंद तो आएगा न,हा मां गि ट बहुत सुंदर है जरूर पसंद आएगा, घर भी आ गया, घर के दरवाजे की बेल बजाई रुपेश ने दरवाजा खोला,खोलते ही रुपेश बोला बहुत देर हो गई, हां यार बहूत भीड थी आज बाजार में हां आज संडे है इसलिए सभी लोग मार्केट के काम करते है, चलो फ्रेश हो जाओं फिर चलते है, में पंद्रह मिनीट में तैयार होती हूं, चीनी तु हारे नए कपड़े $िनकाल दिए है, पहनलो,हां मां पहनती हूं, सब लोग हो गए तैयार के नही रूपेश तेज आवाज में बोलता है। हां बाबा तैयार हो गए, चलो मीना बोलती है। ताला लगा दो रुपेश, लगाता हूं,

रूपेश हरीश के घर की बेल बजाता है, अंदर से आवाज आती है, आ रही हूं, दरवाजा खोलते ही मीना रुपेश शादी की सालगिरह की बधाई देते है। श्वेता हरीश धन्यवाद बोलते है अंदर आइए, स्वेता बोली। सभी लोग ड्राइंग रुम में बैठ जाते है। मीना पूछती है श्वेता से हमारे अलावा ओर कोई नही है क्या? हरीश बोला- आज आप ही हमारे मेहमान है और किसी को नही बुलाया,हम ही लोग आपस में खुब सारी बाते करेगें और मजे से खाना खाएंगे क्यो श्वेता सही कहा, हां बिलकुल ठीक कहा, चारो लोग आपस में बाते करने लगते है। मीना श्वेता से उसके कालेज के बारे में पूछती है, कैसा चल रहा है कालेज, कब से सेमेस्टर है,हा यार १५ दिन बाद चालू हो जाएंगे, आजकल कालेज में भी बहूत काम प्रीसिपल देने लगे है, वैसे भी कालेज में आए दिन कुछ न कुछ कार्यक्रम होते रहते है इसलिए समय ही नही मिलता है,और तुह्मरा बैंक का काम कैसा चल रहा है, ठीक ही चल रहा है, रुपेश हरीश से पूछता तुह्मारा बिजऩेस कैसा चल रहा है, फिलहाल तो ठंडा चल रहा त्योहारो पर ही अपना काम चलता है। चीनी सब की बाते सुन कर बोर हो रही थी श्वेता ने देखा कि चीनी बोर हो रही है तो उसको विडियो गेम खेलने के लिए बैठा दिया। चीनी खुश हो गई,ूथेंक्यु आंटी, सभी लोग आपस में हसीं मजा$क करने लगे। हरीश बोला- खाना भी खिलाओ यार भूख लगने लगी है श्वेता बोली- हा खाना तैयार है डाइंनिंग टेबल पर रखना है। आप सभी लोग डाइनिंग टेबल पर बैठ जाइये। में खाना लगाती हूं, चीनी तुम भी आ जाओं खाना खाने, सभी लोग बातों के साथ खाने का भी मजा ले रहे थे। मीना बोली-खाना बहुत टेस्टी बनाया श्वेता,हां भाभी रुपेश भी बोला, खाना खाने के बाद सोफ खाई। मीना ने घड़ी द$ेखी तो दस बजने वाली थी,मीना ने कहा अरे बाप रे बहूत देर हो गई अब हमें घर जाना चाहिए। हां यार बहूत देर हो गई,बातों बातों में समय का पता ही नही चला श्वेता बोली। सभी ल$ोगो ने एक दूसरे को गुडनाइट बोला और घर आ गए।

दूसरे दिन-

सुबह – सुबह मीना को रोज खाना बनाकर रखना, खुद का व चीनी का टिफिन बनाना, व नाश्ता बनाने का काम वह खुद ही करती, बाकी ऊपर का काम कामवाली कर देती थी। १० बजे मीना को बैंक जाना रहता है। वह रुपेश से बोलती है आप चीनी को स्कुल बस में बैठा देना में जा रही हूं, चीनी को बाय कहती हुई मीना अपने बैंक चली जाती है, उधर कामवाली से रूपेश घर का काम करवाता और चीनी को स्कुल के लिए तैयार कर देता है। चीनी बेटा जल्दी जुते पहनों स्कुल बस आने वाली है, हां पापा हो गई रेडी, अचानक बस के हार्न की आवाज आती है,रुपेश उसे स्कुल बस में बैठा देता है। चलो अब में भी अपनी कोचिंग के लिए तैयार हो जाऊ, इतनी देर में कामवाली भी अपना काम कर लेती और रुपेश भी तैयार होकर अपनी कोचिंग क्लास लेने चला जाता है। दोपहर को अचानक हरीश का फोन मीना के मोबाइल पर आता,मीना फोन उठाती, हां हरीश भाईसाब आज अचानक आपका फोन आया सब ठीक तो है न,हां भाभी सब ठीक है,मैने इसलिए फोन लगाया था कि चीनी घर आ गई है,क्यो? चीनी ने बताया की आज किसी कारणवश स्कुल की छुट्टी जल्दी हो गई है। आपके घर ताला लगा था इसलिए चीनी मेरेे घर पर है आप चिंता न करे। अच्छा ठीक है भाइसाब मैं आती हंू। यह कह कर फोन कट कर दिया। हे भगवान आज ही जल्दी छुट्टी होनी थी चीनी की, स्कुल वाले भी कोई खबर नही देते की आज जल्दीछुट्टी होने वाली है। अब मैं पांच बजे से पहले जा भी नही सकती हूं,चलो अचछ़ा है कि हरीश भाईसाब घर पर हैं,वरना मेरी बेटी कहा जाती,स्कुल बस वाले फोन लगाते और क्या?

कहने को बहुत अच्च्छे है हरीश भाईसाब पर…….कैसे विश्वास कर लू, टीवी पर सावधान इंडिया व क्राइम पेट्रोल में कैसा कैसा दिखाते है, आए दिन अखबारों में कैसी कैसी खबरे छपती है,युवक ने मासुम बच्ची का योन शोषण किया,फरार है,,,अधेड़ ने मासुम के साथ गलत हरकत की बाद में डराया…..। कहीं मेरी चीनी के साथ कुछ गलत तो नही हो रहा होगा,उसके साथ कुछ गंदी हरकत तो नही कर रहे होगे,पता नही चीनी को क्या दिखा रहे होगे,कोई गंदी फिल्म तो नही दिखा रहे होगे,स्वाती भी अभी कालेज में होगी उसका फोन भीअनरिचेबल बता रहा है। आजकल फोन भी कभी सही समय पर नही लगता है। न श्वेता को फोन लग रहा है न रुपेश को। मीना इसी विचारों में बार -बार घड़ी द$ेखती अब उसका मन काम में लग ही नही रहा था,कब पांच बजे और वह घर जाएं। जैसे ही पांच बजी मीना ने अपनी गाड़ी उठायी और त$ेज र तार में गाड़ी चलाने ल$गी, और भगवान से प्राथना कर रही थी, कि मेरी चीनी सही सलामत हो। घर आते ही उसने हरीश के घर की बेल बजाई। हरीश ने दरवाजा खोला तो चीनी केक व चाकलेट खाते हुए टीवी पर कार्टुन देखती हुई नजर आई। श्वेता के मन की सारी शंकाएं समाप्त हो गई। उसने अपनी बेटी को गले लगा लिया। वह मन ही मन खुद को कोसने लगी, मन ही मन उसने कहा हे भगवान मुझे माफ करना मैने सज्जन आदमी पर शक किया लेकिन मैं भी क्या करुं आजकल के माहौल का असर ही कुछ ऐसा है कि कितना भी सज्जन व्यक्ति क्यो न हो,उसके प्रति भी शंका पैदा हो जाती है। लेकिन भगवान का लाख लाख शुक्र है कि अब भी कुछ अच्छे लोग इस दुनिया में मौजूद है।

Leave a comment